अध्यक्ष का संदेश

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प्रो. (डॉ.) राधा कृष्ण धीमान

अध्यक्ष, एम्स पटना

मुझे यह बताते हुए अत्यंत गर्व और हर्ष हो रहा है कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पटना अपने स्थापना-सिद्धांत “सभी के लिए स्वास्थ्य” को निरंतर आगे बढ़ा रहा है, ताकि बिहार और आसपास के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की समावेशिता सुनिश्चित की जा सके। मैं स्वयं को इस महान संस्थान का हिस्सा बनकर वास्तव में सम्मानित और कृतज्ञ महसूस करता हूँ, जिसने सदैव उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएँ उन वंचित वर्गों तक पहुँचाने का कार्य किया है, जो पहले उपेक्षित रहे — विशेषकर आयुष्मान भारत–प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY), मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना और अन्य जनकल्याणकारी कार्यक्रमों के माध्यम से।

पिछले तेरह वर्षों में एम्स पटना ने तीन प्रमुख क्षेत्रों — चिकित्सा शिक्षा, शिक्षण-प्रशिक्षण और रोगी देखभाल — के साथ-साथ नवोन्मेषी अनुसंधान में उल्लेखनीय प्रगति की है। यहाँ उन्नत चिकित्सा सेवाएँ सुलभ और किफायती दरों पर उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे वे मरीज जो पहले उपचार के लिए महानगरों की लंबी कतारों में इंतजार करते थे, अब उन्हें स्थानीय स्तर पर राहत मिल रही है।

सहयोग और शैक्षणिक उत्कृष्टता

देश-विदेश के अग्रणी संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापनों (MoUs) के माध्यम से सहयोग ने नवाचार, सीखने और ज्ञान-विनिमय की संस्कृति को सशक्त बनाया है। इन सहयोगों से प्राप्त नेतृत्व अनुभव और दृष्टिकोण मेरे लिए अत्यंत मूल्यवान रहे हैं, और मुझे विश्वास है कि ये मुझे इस संस्थान की उन्नति में प्रभावी योगदान देने में मार्गदर्शन करेंगे।

हमारे छात्र अब देश और विदेश के प्रतिष्ठित स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में चयनित हो रहे हैं। साथ ही, विभिन्न आंतरिक (Intramural) और बाह्य (Extramural) अनुसंधान परियोजनाएँ संस्थान के वैज्ञानिक वातावरण को और अधिक समृद्ध बना रही हैं। ये अनुभव न केवल अकादमिक विकास को प्रोत्साहित करते हैं, बल्कि हमारे समुदाय में रचनात्मकता, आलोचनात्मक सोच, और नवाचार की भावना भी जागृत करते हैं।

भविष्य की दृष्टि

माननीय प्रधानमंत्री जी के “स्वस्थ भारत, समर्थ भारत” के संकल्प के अनुरूप, मेरा उद्देश्य एम्स पटना को बिहार की जनता के लिए एक और भी महान संस्था के रूप में विकसित करना है, जिसके लिए हमारे मुख्य लक्ष्य हैं:

जनकेंद्रित स्वास्थ्य सेवा: स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, सामुदायिक स्वास्थ्य प्रणालियों की सुदृढ़ता, और सुलभ, समान व सहानुभूतिपूर्ण देखभाल सुनिश्चित करना।

अनुसंधान में उत्कृष्टता: भारत की विशिष्ट स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने हेतु वैज्ञानिक अनुसंधान और व्यावहारिक नवाचार को बढ़ावा देना।

सहानुभूतिपूर्ण चिकित्सा शिक्षा: ऐसे स्वास्थ्य पेशेवरों को प्रशिक्षित करना जो न केवल दक्ष चिकित्सक हों बल्कि सामाजिक रूप से उत्तरदायी और मानवीय दृष्टिकोण रखने वाले हों।

जैसे-जैसे हम डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अंतर-विषयक सहयोग के युग में आगे बढ़ रहे हैं, एम्स पटना अपने मूल सिद्धांतों — “सेवा, शिक्षा और समर्पण” (Seva, Shiksha, Samarpan) — पर दृढ़ता से अडिग है।

शिक्षक, छात्र, कर्मचारी और हितधारक मिलकर एक ऐसे संस्थान का निर्माण कर रहे हैं जो न केवल आज की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है बल्कि भविष्य की चुनौतियों के लिए भी पूरी तरह तैयार है।

मुझे गर्व है कि मैं एम्स पटना का हिस्सा हूँ, और मैं पूर्ण समर्पण के साथ संस्थान के सभी सदस्यों के साथ मिलकर रोगी देखभाल को सुदृढ़ करने, अनुसंधान को आगे बढ़ाने, और अगली पीढ़ी के चिकित्सा पेशेवरों को तैयार करने के लिए कार्य करता रहूँगा।

एम्स पटना सदैव आशा, उपचार और उत्कृष्टता का प्रतीक बना रहेगा — बिहार ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लाखों लोगों की सेवा में समर्पित।