डीन का संदेश

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प्रो. (डॉ.) पुनम प्रसाद भदानी

अधिष्ठाता (शैक्षणिक विभाग)

हमारे सभी संकाय सदस्यों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों की ओर से मैं आप सभी का अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना (AIIMS Patna) में हार्दिक स्वागत करती हूँ। संस्थान की डीन के रूप में, मुझे अत्यंत गर्व है कि मैं राष्ट्रीय महत्व के इस संस्थान का शैक्षणिक नेतृत्व कर रही हूँ। एम्स पटना बिहार की राजधानी पटना में, पवित्र गंगा नदी के तट पर स्थित है। बिहार का शिक्षा प्रदान करने का एक गौरवशाली इतिहास रहा है, जिसकी मिसाल प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय है। एम्स पटना व्यवहारिक और अनुभव-आधारित चिकित्सा शिक्षा प्रदान कर रहा है। हमारे शिक्षण कार्यक्रम विद्यार्थियों को समाज के संपूर्ण चिकित्सक बनने के लिए तैयार करते हैं, जिनमें गहन ज्ञान और नैतिक मूल्यों के साथ समाज की सेवा करने की भावना निहित होती है।

एम्स पटना में स्नातक एवं स्नातकोत्तर चिकित्सा तथा नर्सिंग शिक्षा प्रदान की जा रही है, और शीघ्र ही पैरामेडिकल के लिए स्नातक पाठ्यक्रम भी आरंभ किए जा रहे हैं। हमारे शैक्षणिक कार्यक्रम चिकित्सा शिक्षा की मजबूत नींव प्रदान करते हैं और व्यावहारिक शिक्षण अनुभव का वादा करते हैं। इसके अतिरिक्त, विद्यार्थियों को परिसर में और अन्य संस्थानों में आयोजित सम्मेलनों व विविध छात्र-नेतृत्व वाली गतिविधियों में भाग लेने और आयोजन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। एमबीबीएस का नया पाठ्यक्रम राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) के AETCOM मॉड्यूल पर आधारित है, जिसमें आधार पाठ्यक्रम, क्षैतिज एवं ऊर्ध्वाधर एकीकरण, ऐच्छिक पोस्टिंग और नवोन्मेषी शिक्षण विधियाँ शामिल हैं। इस पाठ्यक्रम में सह-पाठयक्रम गतिविधियों और खेलों के लिए भी विशेष स्थान रखा गया है।

एम्स पटना का उद्देश्य समाज के लिए प्रशिक्षित मानव संसाधन तैयार करना है। इस प्रक्रिया में संस्थान विश्व-स्तरीय उपकरणों और सेवाओं का उपयोग सुलभ लागत पर करता है। यह संस्थान मानवीय दृष्टिकोण से चिकित्सा सेवाएँ प्रदान कर समाज की सेवा करता है। संस्थान की संकाय सदस्याएँ एवं सदस्य अपने ज्ञान में अद्यतन हैं और अनुसंधान-उन्मुख हैं। सतत चिकित्सा शिक्षा (CME) यहाँ के शैक्षणिक वातावरण का अभिन्न अंग है। संस्थान में नियमित रूप से कई सम्मेलन और कार्यशालाएँ आयोजित की जाती हैं। एम्स पटना का परिसर हरे-भरे वातावरण से परिपूर्ण है, जहाँ आधुनिक शिक्षण के साथ-साथ सह-पाठयक्रम गतिविधियों के लिए भी उत्कृष्ट अधोसंरचना उपलब्ध है। शिक्षकों और विद्यार्थियों दोनों के लिए उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित है।

प्रो. (डॉ.) पुनम प्रसाद भदानी
अधिष्ठाता (शैक्षणिक विभाग)